राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार किसके द्वारा दिया जाता है ?
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 5 सितम्बर को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपति द्वारा शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान करने हेतु सम्मानित किया जाता है | राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में सेवा कर रहे प्रतिभाशाली शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता प्रदान करने हेतु दिया जाता है | शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार की शुरुआत 1958 में की गयी थी |
नमस्कार ! जय हिन्द !
Welcome to Competition in Depth
प्रिय साथियों,
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान करने का उद्देश्य देश के बेहतरीन शिक्षकों को उनके अद्वितीय योगदान के लिए उनका सम्मान किया जाता है तथा उन्हें भविष्य में ऐसे ही बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाता है | जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है |
गुरु कुम्हार शिष कुम्भ है, गढ़ि-गढ़ि काढ़ै खोट |
अंतर हाथ सहाय दै, बाहर- बाहर चोट ||
अर्थात : कबीरदास जी कहते हैं कि गुरु कुम्हार है, और शिष्य मिट्टी के घड़े जैसा है | जिस प्रकार एक कुम्हार घड़े को सुन्दर और आकर्षक बनाने हेतु घड़े में हाथ डाल कर बाहर से थाप मारते हैं | ठीक उसी प्रकार शिष्य को कठोर अनुशासन में रखकर तथा अंतःप्रेम रखते हुए एक शिक्षक शिष्य की कमियों को दूर करके संसार में सम्मान पाने योग्य बनाता है |
प्रिय साथियों ! आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें |
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022
इस साल 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है | इनका चयन तीन चरण की एक कठोर एवं पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा किया गया है | नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त सभी शिक्षकों को बधाई दिया और कहा कि
" आज जब देश आज़ादी के अमृतकाल के अपने विराट सपनों साकार करने में जुट चुका है, तब शिक्षा के क्षेत्र में राधाकृष्णन जी के प्रयास हम सभी को प्रेरित करते हैं |"
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार में एक प्रमाण पत्र, एक पदक तथा 50 हजार रूपये पुरस्कार के रूप में दिए जाते हैं | जोकि एक शिक्षक के लिए बहुत ही गौरव की बात होती है |
शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है ?
शिक्षक दिवस अपने आप में एक महान दिवस है क्योंकि इस दिन उस महान व्यक्ति का जन्म हुआ था जो स्वयं रोशन होकर सबको मार्ग प्रशस्त किया | तिरुत्तनी नामक ग्राम में 5 सितम्बर 1888 को राधाकृष्णन का जन्म हुआ था | इन्ही के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है | डॉ. राधाकृष्णन को भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त है|
उल्लेखनीय है - जब राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने तब उनके शिष्यों ने उनके जन्मदिन को बनाने के लिए उनसे अनुमति मांगी तब सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने स्वयं के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मानाने का अनुरोध किया | इसके बाद से प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा | यह दिन शिक्षक और विद्यार्थी के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं होता है |
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का परिचय
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक, भारतीय संस्कृति के संवाहक तथा विचारक थे |
- 1954 में भारत सरकार ने उनके महत्वपूर्ण योगदान हेतु उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान "भारत रत्न" से अलंकृत किया |
- उन्होंने उपराष्ट्रपति के रूप में 1952 से 1962 तक कार्य किया तथा बाद में उन्होंने ने राष्ट्रपति के रूप में भी 1962 से 1967 तक कार्य किया |
जन्म 5 सितम्बर, 1888 स्थान तिरुत्तनी ग्राम मृत्यु 17 अप्रैल, 1975 पिता सर्वपल्ली वीरासमियाह माता सीतम्मा पत्नी शिवकामु
- राधाकृष्णन के पिता राजस्व विभाग में काम करते थे जोकि तेलुगुभाषी ब्राह्मण थे | राधाकृष्णन को शामिल करके पांच भाई थे तथा एक बहन थी | स्वयं दूसरे नम्बर पर आते थे |
- तिरुत्तनी ग्राम चेन्नई से करीब 84 km दूर था तथा 1960 तक यह आंध्र प्रदेश में रहा लेकिन वर्तमान समय में तिरुत्तनी ग्राम तमिलनाडु के तिरुवल्लुर जिले में पड़ता है |
राधाकृष्णन को सर्वपल्ली राधाकृष्णन क्यों कहा जाता है ?
राधाकृष्णन को सर्वपल्ली राधाकृष्णन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनके पुरखे सर्वपल्ली गाँव में रहते थे | इनके गाँव को कोई भूले नहीं इसलिए इनके पिता विरासमियाह ने नाम के आगे सर्वपल्ली लिखना शुरू कर दिया | जब राधाकृष्णन का पुत्र हुआ तो उन्होंने उसका नाम सर्वपल्ली गोपाल रखा |
विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है ?
पूरे विश्व में 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है| 5 अक्टूबर, 1966 को संयुक्त राष्ट्र में पहली बार शिक्षकों की भूमिका पर चर्चा की गयी थी | इसके बाद 1994 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की |