Indian History For UPSSSC PET

भारतीय इतिहास

भाग -1 
सिंधु घाटी की सभ्यता 




सिंधु घाटी की सभ्यता 

  • आद्य ऐतिहासिक काल की सभ्यता 
  • शहरी/ नगरीय सभ्यता 
  • त्रिकोणीय सभ्यता 

  • कांस्ययुगीन सभ्यता 

  • हड़प्पा की सभ्यता 
  • सिंधु सभ्यता का समय C14 के अनुसार 2350ई०पू० से 1750 ई०पू० तक माना जाता है | 
  • "सिंधु सभ्यता" का सर्वप्रथम प्रयोग  सर जॉन मार्शल ने किया था | 


सिंधुघाटी का विस्तार 

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सिंधु सभ्यता के प्रमुख स्थल/ नगर 

  • हड़प्पा 

    • हड़प्पा, रावी नदी के बाएं तट पर पाकिस्तान के मांटगोमेरी (साहीवाल) जिले में स्थित है | 
    • 1826 ई० में चार्ल्स मैसेन ने सर्वप्रथम उल्लेख किया | 
    • 1921ई० में जॉन मार्शल के नेतृत्व में रायबहादुर दयाराम साहनी ने उत्खनन करवाया | 

    • साक्ष्य :

      • एक शव के सिर को दक्षिण की ओर रखकर दफनाया गया था | 
      • प्रत्येक घरों में आँगन होते थे, लेकिन कुएँ का साक्ष्य नहीं | 
      • गेहूँ और जौ 

  • मोहनजोदड़ो 

    • मोहनजोदड़ो, सिंधु नदी के दायें तट पर पाकिस्तान के लरकाना जिले में स्थित है | 
    • इसका उत्खनन राखालदास बनर्जी ने 1922 ई० में करवाया | 
    • क्षेत्रफल की दृष्टि से यह सबसे बड़ा नगर था | 
    • अन्य नाम - मृतकों का टीला, सिंधु का बगीचा, भूतों का टीला 

    • साक्ष्य :

      • स्नानागार 
      • अन्नागार 
      • आँगन के साथ कुएं 
      • पक्की सड़कें
      • ईटें 
      • पक्की ईटों के भवन 
      • काँसे की नर्तकी 

  • कालीबंगा 

    • इसका अर्थ है - काली चूड़ियाँ 
    • राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित
    • सरस्वती और दृषद्वती नदी के मध्य 
    •  खोज - अमलानंद घोष ने 

    • साक्ष्य :

        • जुटे हुए खेत 
        • एक पक्का अलंकृत फर्श 
        • एक साथ दो फसल बोने का साक्ष्य 
        • एक युगल शवाधान 
        • शल्य चिकित्सा - खोपड़ी में 6 छिद्र किये जाने का साक्ष्य | 
        • एक कब्रिस्तान 
        • अंत्येष्टि की प्रक्रिया - पूर्ण समाधिकरण, आंशिक समाधिकरण और दाह संस्कार 

    •     धौलावीरा 

      • खोज -जे.पी.जोशी द्वारा 
      • उत्खनन - आर के विष्ट के निर्देशन में 
      • यह आयताकार नगर है 

      • साक्ष्य 

        • यह तीन भागों में बंटा था - किला, मध्य नगर, और निचला किला | 
        • खेल का मैदान 
        • निवले की मूर्ति 
        • विशाल जलाशय (अर्थात - जल संरक्षण)
        • सफेद मिट्टी , और सफेद पालिशदार पाषाण खंड 

    • सुरकोटदा 

      • खोज - जे.पी. जोशी 
      • साक्ष्य :
        • कलश शवाधान 
        • घोड़े की हड्डियां 

    • चन्हूदड़ो 

      • सिंधु नदी के बाएं तट पर स्थित 
      • खोज -एन.जी. मजूमदार
      • उत्खनन - मैके 
      • साक्ष्य : 
        • मनका बनाने का कारखाना तथा भट्टी 
        • किलेबंदी के साक्ष्य नहीं 
        • ईटें वक्राकार 
        • ईटों पर बिल्ली का पीछा करते हुए कुत्ते के पंजों का निशान 
        • झुंकर-झांकर संस्कृति  

    •  लोथल 

      • लघु हड़प्पा या लघु मोहनजोदड़ो कहा जाता है 
      • खोज- एस.आर. राव 
      • भोगवा नदी के किनारे 
      • गुजरात के अहमदाबाद नगर 
      • साक्ष्य 
        • गोदीबाड़ा (बंदरगाह)
        • तीन युगल समाधि 
        • रंगाई कुंड 
        • मनका बनाने का कारखाना (चन्हुदड़ो की भांति)

    • बनवाली 

      • खोज - आर.एन. विष्ट 
      • हरियाणा के हिसार जिले में स्थित 
      • यहाँ से - संस्कृति के तीन स्तर देखने को मिलते हैं - प्राक सैंधव, विकसित सैंधव तथा उत्तर सैंधव
      • जल निकास प्रणाली का आभाव 
      • साक्ष्य 
        • अग्नि वेदियां
        • नगर और दुर्ग दोनों की किलेबंदी 
        •  मिट्टी का बना हल 
        • जौ के दाने 

    • आलमगीरपुर 

      • उत्खनन - यज्ञदत्त शर्मा 
      • हिण्डन नदी के किनारे (मेरठ - उत्तर प्रदेश)
      • कोई मुहर प्राप्त नहीं हुई | 
      • साक्ष्य :
        • रोटी बेलने की चौकी 
        • कटोरे के कई टुकड़े 
        • बर्तनों पर चित्रकारियां - मोर ,त्रिभुज, गिलहरी आदि | 

    • मांडा 

      • उत्खनन -जेपी जोशी तथा मधुबाला 
      • चेताब नदी के दक्षिण छोर पर 
      • संस्कृति के तीन स्तर  

    • बालाकोट 

      • उत्खनन -डेल्स ने 
      • प्राक एवं विकसित सैंधव 

      • साक्ष्य :

        • नगर कच्ची ईंटों के तथा नालियाँ पक्की ईंटों के 
        • ऊन उद्योग, सीप उद्योग, 
        • सीप की चूड़ियाँ 

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