संघ और उसका राज्य क्षेत्र

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परिचय 

भारत संघ और इसके राज्य क्षेत्र के बारे में पढ़ने से पूर्व भारतीय संविधान के प्रमुख भागों के बारे में संक्षिप्त जानकारी एकत्र कर लेते हैं |  जैसा कि हम जानते हैं कि भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को पूर्ण रूप से लागू हुआ था | जिसमें  22 भाग, 395 अनुच्छेद और  8 अनुसूचियां थी |  जोकि 105 संशोधन के साथ इनकी संख्या बढ़कर वर्तमान संविधान में 25 भाग, करीब 470 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ हो गई हैं | 

    नोट : संसद में 127 संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत किये गए परन्तु जिनमें  से 105 विधेयक ही पारित हुए | 



भारतीय संविधान के प्रमुख भाग 

भारतीय संविधान को 22 भागों में इस प्रकार विभाजित किया गया है |

भाग विषय
1 संघ और उसका राज्य क्षेत्र
2 नागरिकता
3 मौलिक अधिकार
4 राज्य के नीति निदेशक तत्व
4 (क) मौलिक कर्तव्य
5 संघ सरकार
6 राज्य सरकारें
7 राज्यों से सम्बंधित अनुसूची का खंड-ख (निरस्त)
8 संघ राज्य क्षेत्र
9 पंचायतें
9(क) नगरपालिकाएं
9(ख) सहकारी समितियाँ
10 अनुसूचित एवं जनजाति क्षेत्र
11 संघ एवं राज्यों के बीच सम्बन्ध
12 वित्त, संपत्ति,सविदाएं।,वाद
13 भारत के राज्य क्षेत्र में व्यापर,वाणिज्य एवं समागम
14 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं
14(क) अधिकरण
15 निर्वाचन
16 कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध
17 राजभाषा
18 आपात उपबंध
19 प्रकीर्ण
20 संविधान संशोधन
21 अस्थाय, संक्रमणशील और विशेष उपबंध
22 संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसन
 



संघ और उसका राज्य क्षेत्र

संविधान के भाग 1 में अनुच्छेद 1 से 4 तक में संघ और इसके राज्य क्षेत्र का वर्णन किया गया है | 

आइये चर्चा करते हैं -

अनुच्छेद 1 :  इंडिया जोकि भारत है वह "राज्यों का संघ" है | 

 डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनुसार

"राज्यों का संघ" कहने से तात्पर्य यह है कि भारतीय संघ राज्यों के बीच में कोई समझौते का फल नहीं है तथा राज्यों को संघ से अलग होने का कोई अधिकार नहीं है | 

अनुच्छेद 1 के अनुसार भारतीय संघ को तीन क्षेत्रों में विभक्त किया जाता है -        

  1. राज्यों के राज्य क्षेत्र 
  2. संघ राज्य क्षेत्र 
  3. ऐसे अन्य राज्य क्षेत्र जिन्हें किसी भी समय  या कभी भी भारत सरकार द्वारा अभिगृहीत किया जा सकता है |                             

     नोट : पहली अनुसूची में राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के नाम तथा उनके क्षेत्र विस्तार को बताया गया है |                       वर्तमान समय में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं |  

अनुच्छेद 2 : संसद विधि द्वारा संघ में नए राज्यों का प्रवेश या उनकी स्थापना कर सकता है, |                                            यह शक्ति संसद के पास  सुरक्षित है

अनुच्छेद 3 : संसद साधारण बहुमत से किसी नए राज्य का गठन तथा राज्य के क्षेत्र को ,                                                  राज्य के नाम में परिवर्तन कर सकती है |  

        अतः संसद  

    1. राज्य के क्षेत्र को घटा या बढ़ा सकती है | 
    2. एक या दो या दो से अधिक राज्यों के सीमाओं को घटा या बढ़ा कर नए राज्य का गठन कर सकती है | 
    3. किसी राज्य के नाम में परिवर्तन कर सकती है | 
नोट : 

  1. यह विधेयक राष्ट्रपति के पूर्व अनुमति या सिफारिश से ही संसद में पेश किया सकता है | 
  2. राष्ट्रपति विधेयक या अध्यादेश को सम्बंधित विधानमंडल का मत जानने के लिए भेजता है | मत तय समय पर ही देना चाहिए | 
  3. राष्ट्रपति राज्य विधानमंडल का मत माने के लिए बाध्य नहीं है | 

अनुच्छेद 4 : इसके अंतर्गत अनुच्छेद 2 तथा अनुच्छेद 3 को संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत                         संविधान संशोधन नहीं माना जायेगा | 

                    (अर्थात साधारण बहुमत द्वारा पारित किया जा सकता है |  )
















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