Statue of Peace
Exam Point of View :
स्टेचू ऑफ़ पीस स्वामी रामानुजाचार्य की प्रतिमा है जिसका अनावरण अमितशाह द्वारा श्रीनगर में विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा किया गया |
परिचय
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 7 जुलाई 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रीनगर में स्वामी रामानुजाचार्य की प्रतिमा "स्टेचू ऑफ़ पीस (Statue of Peace)" का अनावरण किया | जोकि संगमरमर से बना हुआ अद्भुत सुन्दर प्रतीत होता है |
- रामानुजाचार्य का जन्म 1017 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर (Sriperumbudur) में हुआ था |
- रामानुजाचार्य एक वैदिक दार्शनिक और समाज सुधारक के रूप में प्रतिष्ठित हैं |
- इन्होंने भक्ति आंदोलन को पुनर्जीवित किया|
- इनका दर्शन विशिष्टाद्वैतवाद कहलाया |
- रामानुजाचार्य को भक्त रामदास, त्यागराज, कबीर और मीराबाई जैसे कवियों के लिए प्रेरणा माना जाता है |
- रामानुजाचार्य ने 11 वीं शताब्दी में ब्रह्मसूत्र पर एक ग्रंथ " बोधायन वृत्ति " नामक महत्वपूर्ण पाण्डुलिपि प्राप्त करने के लिए कश्मीर का दौरा किया था |
भारत की 15वीं राष्ट्रपति : श्रीमती द्रौपदी मुर्मू
परिचय :
- श्रीमती द्रौपदी मुर्मू 64 % मत हासिल कर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पराजित कर दिया है | 21 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम आया था |
- श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को 25 जुलाई 2022 को संसद के केंद्रीय कक्ष में न्यायमूर्ति एन. वी. रमना ने पद की शपथ दिलाई |
- श्रीमती द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली भारत की पहली जनजातीय व्यक्ति हैं | तथा दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं | (प्रथम महिला राष्ट्रपति : श्रीमती प्रतिभादेवी सिंह पाटिल )
- राष्ट्रपति पद धारण करने से पूर्व श्रीमती द्रौपदी मुर्मू झारखण्ड की राज्यपाल के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं | (18 मई, 2015 से 12 जुलाई 2021)
- वे झारखण्ड की पहली महिला राज्यपाल थी तथा किसी भी राज्य में राज्यपाल के रूप में सेवा करने वाली पहली जनजातीय महिला नेता हैं |
- श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958, को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था | वे संथाल जनजाति से सम्बंधित हैं |
- श्रीमती द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं |
- भारत की पहली राष्ट्रपति हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के बाद हुआ है |
Exam Point of View :
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त कर राष्ट्रपति पद पर आसीन हुई | वे झारखण्ड की पहली राज्यपाल भी रह चुकी हैं | तथा प्रथम जनजातीय महिला राज्यपाल होने का गौरव भी उन्हें प्राप्त है | वे संथाल जनजाति से सम्बंधित हैं |
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