नमस्कार! जय हिन्द !
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प्रिय पाठकों !
हमने पिछली पोस्ट में इतिहास और इतिहास के शाब्दिक अर्थ व परिभाषा के बारे में जानकारी एकत्र की थी | आज हम इतिहास के भाग व भारत के इतिहास के विषय में अध्ययन करेंगे | जिन्होंने पिछली पोस्ट को नहीं पढ़ा है तो वे पोस्ट के अंत में दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं |
भूमिका
पृथ्वी पर मानव ही एक ऐसा प्राणी है जिसके पास सोचने-समझने की शक्ति अन्य जीवों की तुलना में अधिक होती है, इसलिए मनुष्य को सर्वश्रेष्ठ प्राणी की श्रेणी में रखा जाता है | मनुष्य अपनी आवश्यकताओं के अनुसार नए - नए आविष्कार करता है तथा अपने जीवन को सरल बनाने का प्रयत्न करता है | इसी प्रकार मनुष्य अतीत में घटित घटनाओं का विश्लेषण करता है जिसको आसानी से समझने के लिए छोटे-छोटे हिस्सों में विभक्त करता है| इतिहास को अनगिनत भागों में बाँटा जा सकता है -जैसे विश्व का इतिहास, भारत का इतिहास, फ़्रांस का इतिहास, इतिहास का इतिहास, धर्म का इतिहास, राजनीति का इतिहास, लोकतंत्र का इतिहास, भौगोलिक इतिहास आदि | अतः संसार में प्रत्येक छोटी-बड़ी वस्तु का इतिहास है जिसे निश्चित भागों में विभक्त नहीं किया जा सकता है | फिर भी हम भारत के परिप्रेक्ष्य से इतिहास को समझने के लिए इतिहास को दो भागों में बाँट सकते हैं -
- विश्व का इतिहास
- भारत का इतिहास
विश्व के इतिहास में पुनर्जागरण, धर्म सुधार आंदोलन, उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद, प्रथम विश्वयुद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध, इटली का एकीकरण आदि विषयों पर चर्चा करेंगें | परन्तु विश्व के इतिहास को जानने से पहले अपने देश के इतिहास को समझ लेना चाहिए जिससे भारत तथा समकालीन विश्व के इतिहास को सहज ही समझा जा सके | भारत के इतिहास को समझने के लिए भी इसके इतिहास को कई भागों में विभक्त किया जा सकता है परन्तु भारतीय इतिहासकारों ने इसके इतिहास को तीन कालखंडों में विभक्त किया है --
- प्राचीन भारत का इतिहास
- मध्यकालीन भारत का इतिहास
- आधुनिक भारत का इतिहास
अब यह कितना उचित है, यह इतिहासकारों के लिए चिंतन का विषय है |
नोट -
A History of British India (ब्रिटिश भारत का इतिहास) नामक पुस्तक जेम्स मिल द्वारा 1817 में लिखी गयी थी | जेम्स मिल स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री तथा राजनीतिक दार्शनिक थे | उन्होंने इस पुस्तक को हिन्दू, मुस्लिम और ब्रिटिश काल. इन तीन काल खण्डों में विभक्त किया था | स्पष्ट है कि उन्होंने यह पुस्तक केवल उस समय के शासकों के धर्म के हिसाब से लिखी गयी है | परन्तु भारतीय इतिहास को हिन्दू , मुस्लिम समय में नहीं विभक्त किया जा सकता हैं क्योंकि उस समय भी कई तरह के धर्म साथ चलते थे और सिर्फ शासकों के धर्म मात्र पर इतिहास लिखना अनुचित सा लगता है |
भारत का इतिहास
भारत का इतिहास आज से लगभग लाखों साल पुराना माना जाता है | भारत में सबसे पहले केरल राज्य में मानव का प्रमाण मिलता जो लगभग 70,000 वर्ष पुराना होने की सम्भावना है | इस मानव के गुणसूत्र अफ्रीका के प्राचीन मानव के गुणसूत्र से पूरी तरह मिलते हैं अतः हम कह सकते हैं कि प्राचीन मानव अफ्रीका से भारतीय उपमहाद्वीप में आये होंगे |
यहाँ मेहरगढ़ संस्कृति, सिंधुघाटी सभ्यता तथा वैदिक सभ्यता के बारे में सामान्य जानकारी एकत्र कर लेते हैं तथा इसका विस्तृत अध्ययन अगले अध्याय में करेंगें |
मेहरगढ़ संस्कृति-
पुरातात्विक स्रोतों के आधार पर ऐसा माना जाता है कि प्राप्त अवशेष करीब 7000 ई०पू० से 3000 ई०पू० के बीच के हैं | इन अवशेषों में कृषि, पशुपालन, औज़ार, बर्तन तथा ईटों के घर आदि प्राप्त हुयें हैं | इन्हीं कारणों की वजह से भारतीय इतिहास में पुरातात्विक दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण स्थान है जो कि वर्तमान में पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान में बोलन नदी के किनारे स्थित है |
सिंधु घाटी सभ्यता -
पुरातत्ववेत्ता दया राम साहनी ने 1921 और राखालदास बनर्जी ने 1922 में क्रमशः हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई से इस संस्कृति का पता लगाया था | प्राचीन स्थलों से प्राप्त अवशेषों के आधार पर यह सभ्यता अपने समकालीन सभ्यताओं में सबसे अधिक विकसित थी |सबसे विकसित सभ्यता कहने का एक कारण इसकी नगर योजना है - क्योंकि पर्यावरण के अनुकूल नगर नियोजन, सड़कों के किनारे नालियाँ ढकी हुयी, रसोईघर , विशाल स्नानागार, घर के पास पानी का कुँआ आदि इस सभ्यता की विशेषता बताते है | सिंधु घाटी की सभ्यता के कुछ प्रमुख स्थल नीचे दिए गए हैं जिनके बारे में सिंधु घाटी सभ्यता नामक पाठ में विस्तृत अध्ययन करेंगे -
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- राखीगढ़ी
- धौलावीरा
- कालीबंगा
- चन्हूदड़ो आदि
इस सभ्यता का प्रमुख केंद्र हड़प्पा था इसलिए इस सभ्यता को "हड़प्पा की सभ्यता" भी कहा जाता है |
वैदिक सभ्यता -
सिंधुघाटी सभ्यता के बाद भारत देश में जो सभ्यता विकसित हुई उसी सभ्यता को हम वैदिक सभ्यता के नाम से जानते हैं | इस सभ्यता को आर्य सभ्यता भी कहते हैं क्योंकि इसकी शुरुआत आर्यों से ही होती है | यह सभ्यता कांस्ययुगीन सभ्यता थी तथा आर्यों की भाषा संस्कृत थी | इस सभ्यता के इतिहास को समझने के लिए इसे हम दो भागों में बाँट सकते हैं -
- ऋग्वैदिक काल (1500 - 1000 ई०पू०)
- उत्तर वैदिक काल (1000 -600 ई०पू०)
अभ्यास प्रश्न -
- A History of British India नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं ?
- भारत के किस राज्य में मानव का प्रमाण सर्वप्रथम मिलता है ?
- हड़प्पा की खोज किस पुरातत्वशास्त्री द्वारा की गयी थी ?
- सिंधु घाटी सभ्यता के पाँच प्रमुख नगरों के नाम बताइये |
- भारतीय इतिहास में मेहरगढ़ क्यों महत्त्वपूर्ण है?
- हड़प्पा की सभ्यता के बाद भारत में किस सभ्यता का प्रादुर्भाव हुआ था ?
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